आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से बवासीर जड़ से खत्म कैसे होता है?

समोसे, पकौड़े, तीखा-चटपटा भारतीय खानपान का अहम हिस्सा हैं इसके जिनके बिना तो खाना अधूरा सा लगता है लेकिन आपको बता दे कि ऐसी सारी चीज़ें गैस, एसिडिटी, ब्लॉटिंग और बवासीर जैसी समस्याओं को भी जन्म देती है। गैस, एसिडिटी की समस्या को तो आप मिनटों में दूर कर सकते हैं लेकिन बवासीर, ये समस्या इतनी आसानी से नहीं जाती। चाहे आप लाख कोशिश करें इससे दूर ही रहें लेकिन फिर भी अगर आप इसका शिकार हो चुके हैं तो खानपान में कुछ चीज़ों के परहेज से आप काफी हद तक इससे राहत पा सकते हैं।


पाइल्स या बवासीर आमतौर पर कब्ज(Acidity) की समस्या की वजह से ही होता है, जिसमें मोशन यानि मल त्याग के दौरान खून निकलता है और साथ ही काफी दर्द भी होता है। इतना ही नहीं तेज जलन, खुजली के साथ वहां सूजन भी जाती है जिससे कारण बैठने, चलने में बहुत परेशानी होती है। खानपान की गलत आदतें(bed habits) पाइल्स की मुख्य वजहें हैं। तो अगर आप अपने खानपान का खास ध्यान रखें तो बहुत ही आसानी से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

क्या है बवासीर (पाईल्स)

बवासीर में मल के रास्ते के अंदर और बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं। जो बहुत ही तकलीफदेह और दर्दनाक होती है। बवासीर दो प्रकार की होती है- खूनी बवासीर और मस्से वाली बवासीर इन दोनों में ही अपने खानपान पर ध्यान देने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। तो भूलकर भी करें इन चीज़ों का सेवन।


तीखा गरम मसालेदार खाना

ये समस्या आपको और ज्यादा परेशान करें इसके लिए चटपटा, तीखा और मसालेदार खाने से बचें। क्योंकि ऐसी चीज़ें पाईल्स को और फैलाने का काम करती हैं।

ली-भुनी चीज़ें

फ्राइड फूड्स पाईल्स जख्म को दोबारा इंफेक्टेड कर सकते हैं। इसलिए जितना हो सके इन चीज़ो को खाना अवॉयड करें।


तीखा अचार बढ़ा सकता है बवासीर की समस्या

भले ही आपको अचार का स्वाद कितना भी पसंद क्यो हो इस पूरी तरह से बंद कर देने में भी भलाई है क्योंकि अचार पाईल्स के जख्म को इंफेक्टेड करने का काम करता है। जख्म थोड़ा सा भी ठीक होने पर अचार खाना दोबारा उसे बढ़ा सकता है। 

चाय या कॉफी

इस प्रॉब्लम को दूर रखना चाहते हैं तो अपनी डाइट से चाय-कॉफी को भी कट कर दें क्योंकि ये पाईल्स को बढ़ाने का काम करते हैं।

हरी मिर्च

चटपटा, मसालेदार खाने के साथ ही तीखे से भी बवासीर में करना चाहिए परहेज। मिर्च भी ठीक हो रहे जख्म को दोबारा से सक्रिय कर देती है। इसलिए हरी हो या लाल दोनों ही मिर्च का सेवन कुछ समय के लिए पूरी तरह से बंद कर दें।

जीरा

आपने कब्ज दूर करने के लिए जीरा फायदेमंद होता है इसके बारे में सुना होगा लेकिन बवासीर में इसका किसी भी रूप में सेवन घातक हो सकता है।

फास्ट फूड से बचें

पाइल्स से पीड़ित लोग फास्ट फूड से जितना हो सके, दूरी बनाएं रखें। फास्ट फूड खाने के बजाए आप, Fruits या कुछ खास Vegetables  जैसे- पत्तागोभी, चुकंदर, टमाटर आदि को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं, जो काफी फायदेमंद होते है और इस समस्या से निजात पाने में भी Helpful होते हैं।  

बाहर का खाना

बवासीर होने पर बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाहर के खाने में नमक, मिर्च और साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है जबकि घरों में खाना सफाई से बनाया जाता है और मसालों का कम इस्तेमाल किया जाता है। अस्वस्थ खाने से पाइल्स का संक्रमण बढ़ सकता है और दर्द भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

गलत खानपान और लाइफस्टाइल के चलते बवासीर के समस्या बहुत ही आम हो चुकी है। तो आइए जानते हैं इसे दूर करने के घरेलू उपचारों के बारे में।


सिकाई करें

बवासीर वाली जगह पर बर्फ के टुकड़े को कपड़े में बांधकर सिकाई करें। Daily कम से कम 15 मिनट इसे करने से सूजन(swelling) में काफी आराम मिलता है। यहां तक कि बड़े और दर्द वाले हेमोरॉयड्स के लिए तो ये बहुत ही असरदार है। बस ध्यान रखें कि किसी भी ठंडी चीज़ को डायरेक्ट स्किन पर लगाएं, इसे कपड़े या टॉवेल में लपेटकर ही इस्तेमाल करें।


ऐलोवेरा

ऐलोवेरा का काम महज Skin Care और Hair Care की खूबसूरती बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे आप बवासीर की समस्या में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सूजन, जलन और खुजली से राहत दिलाता है। बस इसके लिए ताजा ऐलोवेरा तोड़े और इसके जेल को उस एरिया पर लगाएं जहां इरीटेशन हो रही है।


इप्सम सॉल्ट के साछ गरम पानी से नहाएँ

गरम पानी से स्नान करने से भी हेमोरॉयड्स की सूजन और खुजली में काफी आराम मिलता है। इसके लिए आप सिट्ज बाथ लें। जिसमें एक प्लास्टिक टब की जरूरत होती है जिसमें आप आराम से बैठ सकें। हर बार मल त्याग के बाद बीस मिनट तक सिट्ज बाथ लें। पानी में इप्सम सॉल्ट डालना भूलें, जो दर्द और सूजन से राहत दिलाने में है बेहद कारगर।

टी बैग्स

बाहर निकले हुए हेमोरॉयड्स से राहत दिलाएगा टी बैग। जी हां, क्योंकि इसमें टैनिक एसिड होता है जो सूजन, दर्द, खून निकलने की समस्या को करता है दूर। इसलिए बवासीर से पीड़ित व्यक्ति के लिए टी बैग्स सेवन करना चाहिए  

जीरा

जीरे को अच्छी तरह भून लें फिर मिक्सर में पीस कर इसका पाउडर बना लें। सोने से पहले गुनगुने पानी से इस पाउडर को मिलाकर पिएं। कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद ही आपको फर्क नजर आने लगेगा। 

बवासीर किसी भी उम्र में हो सकती है। बवासीर की बीमारी को करवाने के लिए रोगी सर्जरी भी करते है। डॉ. पुनीत का कहना है कि बवासीर की सर्जरी के बाद इसके दोबारा होने की संभावना रहती है इसलिए एलोपैथिक ट्रीटमेंट की जगह आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से बवासीर ( Piles in Ayurvedic Treatment ) की बीमारी को बिना सर्जरी के भी ठीक किया जा सकता है|

बवासीर किसी भी उम्र में महिला-पुरुष को हो सकता है। उन्होंने कहा कि कब्ज, पाश्चात्य जीवन शैली, कम पानी पीना, फास्ट फूड का सेवन, मसाले का अधिक प्रयोग, अनियमित जीवन शैली इसके कारण माने गए हैं। बवासीर में मल द्वार से खून आता है जो कि दर्द रहित होता है। बवासीर से बचने के लिए पैकेट वाला खाना, मैदा की सामग्री तथा तली-भूनी चीजों से परहेज करना चाहिए और साग, दलिया, सब्जी और फलों का अधिक सेवन करना चाहिए।

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