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Showing posts from June, 2022

किडनी में खराबी कितने प्रकार की होती है?

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मानव शरीर में किडनी काफी जरुरी स्थान रखती है| लेकिन आपके शरीर में होने वाली थोड़ी सी भी परेशानी आपको शरीर में कई सारी दिक्कतें दे सकती है| जिसके लिए जरुरी है कि आप अपनी किडनी का खास ध्यान रखें| अगर किडनी में आने वाली खराबी की बात करें तो किडनी में खराबी 2 प्रकार से आती है| जिसमें पहली है एक्यूट किडनी डिसीज और दूसरी है क्रोनिक किडनी डिसीज |   एक्यूट किडनी डिसीज अपना काम निरंतर करने वाली किडनी किसी कारण से अचानक काम करना बंद कर दे तो किडनी की ऐसी बीमारी को एक्यूट किडनी डिसीज कहा जाता है| इस स्थिति में मरीज़ को भूख कम लगती है, अक्सर उल्टी का मन होता है, बहुत अधिक हिचकी आती है, यूरिन में कमी हो जाती है, चेहरे, पैर और शरीर में सूजन आ जाती है, साँस लेने में तकलीफ होती है, ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ जाता है, ब्लड में कमी आने लगती है, तेज बुखार और कई बार तो उल्टी में ब्लड होने कि संभावना बन जाती है| किडनी की ऐसी स्थिति को एक्यूट किडनी डिसीज कहलाती है|   क्रोनिक किडनी डिसीज जब किडनी की बीमारी लंबे समय से चल रही हों जिसके कारण किडनी में कई सारी समस्या आ जाए तो किडनी की ऐसी स्थति क्रोनिक किडन

किडनी मजबूत करने के उपाय क्या हैं?

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किडनी शरीर के लिए महत्वपूर्ण अंग होता है। अगर किसी की किडनी खराब हो जाए तो उसका जीवन मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हर कोई यह चाहता है कि उसकी किडनी हमेशा हेल्दी रहें। आज हम आपको ऐसे उपाय बताएंगे जिसके माध्यम से आप अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। क्योंकि किडनी ही वह अंग है। जो आपके खून को साफ करती है और इसके माध्यम से शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है| आपको बता दें कि किडनी आपके शरीर के अंदर के खून को साफ कर उसके अपशिष्ट पदार्थों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देती है। इसलिए जरूरी है कि आपकी किडनी भी स्वस्थ हो, वर्तमान में जीवन शैली में आए बदलाव और दवाइयों के अत्यधिक उपयोग से किडनी पर भी प्रभाव पड़ता है। इसलिए आज हम आपको किडनी स्वस्थ ( Ayurvedic Kidney Treatment ) रखने के कुछ उपाय बताएंगे। किडनी का काम रक्त से खराब पदार्थों, अतिरिक्त पानी और अन्य विषाक्त पदार्थों को निकालना है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आपको अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना होगा। जिससे आपको स्वास्थ्य लाभ भी होगा। आइये जानते हैं कि आपको किडनी को मजबूत रखने के लिए डाइट में ऐसे कौन-से फल और सब्ज़ी को शामिल

शरीर में मोटापा किस वजह से आता है?

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क्या आप भी अपने बढ़ते वजन और मोटापे की समस्या से परेशान हैं| वजन बढ़ना और मोटापा, शरीर में होने वाली ऐसी परेशानी है जिससे अधिकतर लोग कई बार शर्मिंदा होते हैं| यह सिर्फ आपको शर्मिंदगी ही नहीं देता बल्कि मोटापा आपको कई सारी बीमरियां भी लेकर आता है| अगर मोटापे को समझा जाये तो यह अक्सर तब होता है जब आपके शरीर में फैट की मात्रा अधिक बढ़ जाती है| जिससे आपका वजन बढ़ने लगता है और आप मोटापे के शिकार होते हैं|   मोटापा सामान्य 6 प्रकार का होता है डायबेसिटी यह मोटापा डायबिटीज और ओबेसिटी दोनों से मिलकर बनता है| डायबिटीज और ओबेसिटी यह दोनों रोग आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं| जिनका वजन अधिक होता है उन्हें डायबिटीज होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है| मोटापे के कई मरीज़ ऐसे होते हैं जिन्हें यह नहीं पता होता कि उन्हें टाइप 2 डायबिटीज ( Diabetes Type 2 ) है| ग्लैंडूर मोटापा Glands की distortion से होने वाले मोटापे को ग्लैंडूर ओबेसिटी कहते हैं| यह मोटापा अक्सर बचपन में हो जाता है| इस समस्या में शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है| ऐसा मोटापा आपके शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है. जैसे: पेट, जां

बालों को झड़ने और टूटने से बचाने के आयुर्वेदिक तरीके

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घने, चमकदार और मजबूत बाल हर किसी को पसंद होते हैं, क्योंकि खूबसूरत बाल हमारी पर्सनालिटी को भी improve करते हैं। लेकिन आजकल अधिकतर लोग अपने झड़ते बालों की समस्या (Hair Fall Out in Summer ) से परेशान हैं। लगातार बाल झड़ने से बाल अधिक पतले, कमजोर और बेजान हो जाते हैं। वैसे तो बालों की सही से देखभाल न करना, शरीर में पोषक तत्वों की कमी बालों के झड़ने के मुख्य कारण माने जाते हैं। लेकिन गर्मियों में बाल झड़ने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।   ये हैं वो 5 कारण जिनकी वजह से झड़ने लगते हैं आपके बाल, ऐसे कर सकते हैं बचाव तेजी से बाल झड़ना, किसी को भी परेशान करने के लिए काफी है| जब किसी के बाल झड़ने लगते हैं तो उसे यह डर सताने लगता है कि बाल झड़ने की वजह से वह धीरे-धीरे कहीं गंजे ना हो जाएं| बालों को झड़ने से रोकने के लिए ज्यादातर लोग महंगे तेल और दवाओं का सहारा तक लेने लगते हैं, ताकि उनकी इस समस्या का समाधान हो जाए| ऐसे में आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर बाल क्यों झड़ते हैं? तो इसलिए झड़ने लगते हैं बाल कर्मा आयुर्वेदा के हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि महिला हो या पुरुष, युवा हो या बुज

यौन समस्या के कारण, दवा, घरेलू उपचार एवं आयुर्वेदिक समाधान

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आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी, बेतरतीब जीवनशैली, उलटा-सीधा खान-पान, तनाव, एंग्जायटी ने लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याओं से घेर दिया है। खासकर, बढ़ते तनाव के कारण लोगों को कई तरह की दूसरी शारीरिक समस्याएं भी हो रही हैं। तनाव का उपचार समय पर ना किया जाए, तो यह डिप्रेशन (depression) में बदल जाता है। तनाव के कारण सेक्सुअल लाइफ भी बर्बाद हो सकती है। पुरुषों में यौन इच्छा(sexual desire) की कमी देखने को मिलती है। महिलाओं में मेनॉपॉज 45 से 55 साल की उम्र में होता है जबकि पुरुषों में यह 50 से 60 साल की उम्र के बीच होता है। महिलाओं की तरह पुरुषों को भी इस दौरान अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखने की जरूरत होती है। जिन पुरुषों को इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी जानकारी नहीं होती है, उन्हें अक्सर सेक्शुअल डिस्फंक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है| क्या होते हैं शरीर में बदलाव? पुरुषों में जब मेनॉपॉज की स्थिति आती है, तब उनके शरीर में मानसिक और भावनात्मक बदलाव लगभग वैसे ही होते हैं, जैसे महिलाओं के शरीर में। इस वक्त पुरुषों को मुख्य रूप से भावनात्मक उतार-चढ़ाव की स्थिति का सामना करन